अमेरिका द्वारा हांगकांग में मानवाधिकारों के समर्थन पर कानून पारित करने के बाद चीन बौखला गया है। उसने सोमवार को कहा कि वह अर्द्ध-स्वायत्त क्षेत्र हांगकांग में अमेरिकी नौसेना के दौरे को निलंबित करेगा। इसके अलावा चीन ने हांगकांग में जारी प्रदर्शनों के दौरान अमेरिका पर बुरे बर्ताव का आरोप लगाते हुए अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने अपने रुख को दोहराया कि अमेरिका हांगकांग के आंतरिक मामलों में गंभीरता से दखल दे रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह नए कानून के तहत अमेरिका स्थित लोकतंत्र समर्थक एनजीओ को एक सीमा तक ही मंजूरी देगा। ये प्रतिबंध नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी और ह्यूमन राइट्स वॉच एंड फ्रीडम हाउस पर पूरी तरह से लागू रहेंगे।
उन्होंने अमेरिका के नेशनल डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल अफेयर्स, इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट और फ्रीडम हाउस जैसे प्रसिद्ध एनजीओ पर भी रोक लगा दी है। चुनयिंग ने अमेरिकी सैन्य जहाजों और विमानों से होने वाले दौरों को निलंबित करने के साथ अमेरिका से कहा कि वह उसके आंतरिक मामलों में दखल को रोके।
अफगानिस्तान पर अमेरिका ने दिया झूठा बयान : चीन
चीन के लानचो विश्वविद्यालय के अफगान अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष चू योंगबियाओ ने भी बौखलाहट दिखाते हुए अमेरिकी सहायक उप विदेश मंत्री एलिस वेल्स के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान के विकास में चीन ने कोई योगदान नहीं दिया है। उन्होंने वेल्स के बयान को झूठा बताते हुए कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो पूंजी लगाई वह सिर्फ सैन्य प्रयोग में खर्च की गई।